राइट्ली है क्या?
यह है जाल आधारित शब्द संसाधक - यानी कि आपको अपनी मशीन पर वर्ड, ओपन ऑफ़िस राइटर, नोटपैड, गेडिट, किसी की ज़रूरत नहीं है - सीधे राइट्ली पर जाइए और काम निपटाइए।
इतना ही नहीं, राइट्ली के जरिए आप सीधे चिट्ठे में प्रकाशन कर सकते हैं।
तो गूगल ने राइट्ली को क्यों खरीदा? सम्भवतः इसलिए, कि - अब आपको कुछ भी लिखना हो तो राइट्ली पर जाइए और लिखिए। सारे दस्तावेज़ भी आपको वहीं मिलेंगे। शायद ब्लॉग्स्पॉट से भी इसकी शादी करा दी जाए।
वैसे राइट्ली को सहजता का जीता जागता नमूना माना जाता है - हज़ारों घण्टे लोगों के साथ माथापच्ची करने के बाद उन्होंने अपनी संरचना की है।
हाँ, फ़िलहाल राइट्ली के लिए पञ्जीकरण बन्द है, पर आप अपना डाक पता दे सकते हैं - यह तो सही चाल थी, क्योंकि जब भी गूगल ऐसा कुछ काम करता है तो लोग धड़ाधड़ बिग बाज़ार की सेल की तरह पहुँच जाते हैं - जैसे कि अर्चिन के मामले में हुआ था।
क्या आप गूगल के बारे में कुछ बताना चाहते हैं?